।। संसद-सवाल ।।
पार्लियामेंट प्रश्न पी हुई सिगरेट का टुकड़ा हैं जिसका धुआँ जी लिया है संसद के फेफड़ों ने । चिटखटी हुई चिनगारी की तरह संसद से दौड़ते हैं सवाल मंत्रालय के सचिवों की सुविधाभोगी मेजों से । संसद के फूले हुए नथुनों से छोड़ी हुई साँस की तरह फुफकारते हुए दौड़ते हैं पार्लियामेंट प्रश्न दूर-दूरस्थ राजदूतावासों की फैक्स मशीन और कम्प्यूटर तक का हो जाता है जीना हराम । पार्लियामेंट क्वेश्चन संसद सवाल चुने हुए लोगों की अमन चैन की व्यवस्था में खलल डालने वाले कारकों के विरुद्ध होती है एकल कार्यवाही । संसद के सांसद वातानुकूलित कक्षों की तरह वातानुकूलित रखना चाहते हैं अपना दिल-दिमाग और उसकी धड़कनें । आम जनता के आँसू के पारे को अपने थर्मामीटर का हिस्सा नहीं बनाना चाहते हैं वे । आम जनता के जीवन-वन में पल रहे जंगलराज से बेफिक्र देश की चिंता से बेखबर विश्व चिंताओं के साथ खड़े दिखना चाहते हैं वे । देश के प्रतिनिधि नेता विदेश और विश्व की चिंता में घुले जा रह